Monday, January 21, 2008

हे प्रभु


हे प्रभु, आप हमें बुद्धि विवेक शक्ति दें
और समस्त प्राणियों को आप अपनी भक्ति दें..

दीन दुखियों का, आप करें बेडा पार
आपके प्रताप सुखी हो हर परिवार..

स्वार्थ और अंहकार, आप मिटा दें सारे जग से
प्रेम का उद्भव हो, हर जीव के रग- रग से ..

सभी आपने कार्यों को, निस्वार्थ पूरा कर पाएं
द्वेष और कलह से, कोई कष्ट नहीं पाए....

सभी धर्मं मिलकर' हो जाये एक धर्मं
सभी मानव जानें मानवता का मर्म...

किसी भी कारण से ना हो, कोई किसी से रूष्ट
अग्रजों को सम्मान देकर, सभी अनुज बनें शिष्ट...

अनुजों को प्रेम देकर, सभी बढाएं अपना मान
भक्ति भाव से सभी, करें आपका ही गुणगान...

सभी जीवों के दिल से हो, आपकी जय-जयकार
आपकी करूणा से, सुखी हो समस्त संसार..

सभी जीवों का चित्त, पवित्र हो जाये
उनके अंतर्मन में,कोई क्लेश ना रह पाए....

सभी जीव आपसे जीवन में, प्रेरणा-शक्ति पाएं
चारों पहर हमसब आपकी, भक्ति किये जाएं..